tag:blogger.com,1999:blog-1530733535378083806.post8642286932137527756..comments2023-09-28T18:59:27.099+05:30Comments on ग़ज़ल: तनहा.. तनहा.. मत सोचा कर.Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/17320447294336119148noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-1530733535378083806.post-42503687595143859762009-10-11T22:58:58.475+05:302009-10-11T22:58:58.475+05:30कुछ तो दुनियाकी इनायत ने दिल तोड़ दिया
और कुछ तल्ख...कुछ तो दुनियाकी इनायत ने दिल तोड़ दिया<br />और कुछ तल्ख़ी-ए-हालात ने दिल तोड़ दिया<br /><br />दिल तो रोता रहे और ऑंखोसे ऑंसू न बहे<br />इश्क की ऐसी रवायत ने दिल तो़ड़ दियाHAREKRISHNAJIhttps://www.blogger.com/profile/00137830344437763830noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530733535378083806.post-90613428327152664032009-10-11T22:55:15.339+05:302009-10-11T22:55:15.339+05:30तन्हा तेरी मातम मे नहीं शाम सियह पोश
रेहता है सदा ...तन्हा तेरी मातम मे नहीं शाम सियह पोश<br />रेहता है सदा चाक गिरेबाने सहर भी<br /><br />"सौदा" तेरी फ़्रर्याद स्व ऑंखोमे कटी रात<br />आई हत सहर होने को टुक तो कही मर भीHAREKRISHNAJIhttps://www.blogger.com/profile/00137830344437763830noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530733535378083806.post-88630274505089002452009-10-05T10:34:02.707+05:302009-10-05T10:34:02.707+05:30धन्यवाद दिनेशरायजी
मुझे भी बहोत पसंद है ये ग़ज़ल.....धन्यवाद दिनेशरायजी<br />मुझे भी बहोत पसंद है ये ग़ज़ल..<br />और भी पसंदीदा ग़ज़ल बताइए , उससे में और अच्छे-अच्छे ग़ज़ल का Collection कर सकूँ..Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/17320447294336119148noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530733535378083806.post-87221099279518592842009-10-03T22:33:35.004+05:302009-10-03T22:33:35.004+05:30मेरी पसंदीदा ग़ज़लों में से एक है।मेरी पसंदीदा ग़ज़लों में से एक है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com