Saturday, July 17, 2010

मेरे दिल में तेरी यादों के साए
हवा जैसे खंडहर में सरसराए

हम ही ने सब के गम को अपना जाना
हम ही ने सब के हाथों जख्म पाए

दिल-ए-बेताब की उस्तअद तो देखो
ज़माने भर के इसमें गम समाए

किसीने प्यार से जब भी पुकारा
तो पलकों पर सितारे झिलमिलाए

शब्-ए-फ़ुर्कत हविक आहट पे मुझको
यही धोखा हुआ शायद वो आए

ख़ुशी दी है ज़माने भर को इमदाद
अगरचे उम्रभर आँसू बहाए


http://www.youtube.com/watch?v=TcDqUQzp0xs&feature

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