Tuesday, July 5, 2011

मोहसीन नक़वी

इतनी मुद्दत बाद मिले हो
किन सोचोमें गुम रहते हो

तेज हवा ने मुझसे पूछा
रेत पे क्या लिखते रहते हो


कौन सी बात है तुम में ऐसी
इतने अच्छे क्यूँ लगते हो

हमसे ना पूछो हिज्र के किस्से
अपनी कहो अब तुम कैसे हो

- मोहसीन नक़वी

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