Sunday, August 2, 2009


अभी जाओ छोड़ कर
के दिल अभी भरा नहीं..

अभी ना जाओ छोड़ कर ..के दिल अभी भरा नहीं..

अभी अभी तो आई हो
अभी अभी तो...
अभी अभी तो आई हो बहार बनके छाई हो
हवा जरा महक तो ले....
नजर जरा बहक तो ले
यह शाम ढल तो ले जरा

यह शाम ढल तो ले जरा
यह दिल संभल तो ले जरा
में थोडी देर जी तो लू नशे के घूंट पी तो लू
नशे के घूंट पी तो लू ......
अभी तो कुछ कहा नहीं
अभी तो कुछ सुना नहीं...

अभी जाओ छोड़ कर
के दिल अभी भरा नहीं..

सितारे झिलमिला उठे
सितारे झिलमिला उठे ...चराग ज़गमागा उठे
बस अब ना मुजको टोकना ....

बस अब ना मुजको टोकना
बढ़के राह रोकना
अगर में रुक गयी अभी
तो जा पायुंगी कभी
यही कहोगे तुम सदा
के दिल अभी नहीं भरा..
जो ख़त्म हो किसी जगह
यह ऐसा सिलसिला नहीं

अभी नहीं.. अभी नहीं...

नहीं ... नहीं... नहीं.. नहीं

अभी जाओ छोड़ कर
के दिल अभी भरा नहीं..

अधूरी आस..
अधूरी आस छोडके
अधूरी प्यास छोडके
जो रोज युही जाओगी
तो किस तरह निभाओगी
के जिंदगी की राह में
जवान दिलो की चाह में
कई मकाम आएँगे
जो हमको आजमाएँगे
बुरा ना मनो बात का
यह प्यार है गिला नहीं...

हां.. यही कहोगे तुम सदा
के दिल अभी भरा नहीं..

हां..दिल अभी भरा नहीं..

नहीं ... नहीं... नहीं.. नहीं

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