Sunday, January 31, 2010

आबिदा परवीन

रंग बातें करें और बातों से खुशबू आए
दर्द फूलों की तरह महके अगर तू आए

भीग जाती है इस उमीद पे आँखें हर शाम
शायद से रात हो महताब लबेजू आए

हम तेरी याद से कतरा के गुजर जाते मगर
राह में फूलों के लब सायों के गेसू आए

आजमाए इश्क की घडी से गुजर आए तो जिया
जशन-ए-गमदारी हुआ आँख में आंसू आए


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