Sunday, March 28, 2010

जिंदगी में तो सभी..

जिंदगी में तो सभी प्यार किया करते है
मैं तो मर कर भी मेरी जाँ तुझे चाहूँगा

तू मिला है तो ये एहसास हुआ है मुझको
ये मेरी उम्र मोहबत के लिए थोड़ी है 
एक जरासा गम-ए-दौरा का भी हक है जिस पर
मैंने वो साँस भी तेरे लिए रख छोड़ी है
तुझपे हो जाऊ कुर्बान, तुझे चाहूँगा  
मैं तो मर कर मेरी जाँ तुझे चाहूँगा
जिंदगी में तो सभी प्यार किया करते है

अपने जज्बात नगमात रचाने के लिए
मैंने धड़कन की तरह दिल में बसाया है तुझे
मैं तसव्वुर भी जुदाई का भला कैसे करूँ
मैंने किस्मत की लकीरों से चुराया है तुझे
प्यार का बनके निगहबान तुझे चाहूँगा 
मैं तो मर कर मेरी जाँ तुझे चाहूँगा
जिंदगी में तो सभी प्यार किया करते है

तेरी हर चाप से जलते हैं ख्यालों में चिराग
जब भी तू आये जगाता हुआ जादू आये
तुझको छू लूं तो फिर ऐ जाँ ए तमन्ना मुझको
देर तक अपने बदन से तेरी खुशबु आये
तू बहारों का है उनवान तुझे चाहूँगा 

मैं तो मर कर मेरी जाँ तुझे चाहूँगा
जिंदगी में तो सभी प्यार किया करते है

Sunday, March 7, 2010



कोई दोस्त है ना रकीब है
तेरा शहर कितना अजीब है

वो जो इश्क था वो जूनून था
ये जो हिज्र है ये नसीब है

यहाँ किसका चेहरा पढ़ा करूँ
यहाँ कौन इतना करीब है


मैं किसे कहूँ मेरे साथ चल
यहाँ सबके सर पे सलीब है

तुझे देखकर मैं हूँ सोचता
तू हबीब है या रकीब है

- राना साहरी  

Friday, March 5, 2010

तेरे आने का धोखा सा रहा है
दिया सा रात भर जलता रहा है

अजब है रात से आँखों का आलम
ये दरिया रात भर चढ़ता रहा है

सुना है रात भर बरसा है बादल
मगर वो शहर जो प्यासा रहा है

वो कोई दोस्त था अच्छे दिनों का
जो पिछली रात से याद आ रहा है

किसे ढून्दोगे इन गलियों में 'नासिर'
चलो अब घर चले दिन जा रहा है

- नासिर