क्या टूटा है.... अन्दर अन्दर, क्यों चेहरा कुम्हलाया है
क्या टूटा है अन्दर अन्दर...क्यों चेहरा कुम्हलाया है
क्या टूटा है अन्दर अन्दर, क्यों चेहरा कुम्हलाया है
तनहा तनहा रोने वालो, कौन तुम्हे याद आया है...........
क्या टूटा है अन्दर अन्दर...क्यों चेहरा कुम्हलाया है
क्या टूटा है अन्दर अन्दर...क्यों चेहरा कुम्हलाया है
चुपके चुपके सुलगे रहे थे, याद में उनकी दीवाने..
एकतारे में टूट के यारो......
एकतारे में टूट के यारो....क्या उनके समझाया है
एकतारे में टूट के यारो......
एकतारे में टूट के यारो....क्या उनके समझाया है
क्या टूटा है अन्दर अन्दर...क्यों चेहरा कुम्हलाया है
रंगबरंगी इस महफ़िल में...
रंगबरंगी इस महफ़िल में, तुम क्यों इतने चुपचुप हो
भूल भी जाओ पागल लोगो....
भूल भी जाओ पागल लोगो.... क्या खोया क्या पाया है.....
क्या टूटा है अन्दर अन्दर...क्यों चेहरा कुम्हलाया है
रंगबरंगी इस महफ़िल में, तुम क्यों इतने चुपचुप हो
भूल भी जाओ पागल लोगो....
भूल भी जाओ पागल लोगो.... क्या खोया क्या पाया है.....
क्या टूटा है अन्दर अन्दर...क्यों चेहरा कुम्हलाया है
शेर कहा है खून है दिल का ....
शेर कहा है खून है दिल का, जो लफ्जों में बिखरा है
शेर कहा है खून है दिल का......जो लफ्जों में बिखरा है..
दिल के जख्म दिखा कर हमने
दिल के जख्म दिखा कर हमने..महफ़िल को गरमाया है..............
क्या टूटा है अन्दर अन्दर...क्यों चेहरा कुम्हलाया है
शेर कहा है खून है दिल का, जो लफ्जों में बिखरा है
शेर कहा है खून है दिल का......जो लफ्जों में बिखरा है..
दिल के जख्म दिखा कर हमने
दिल के जख्म दिखा कर हमने..महफ़िल को गरमाया है..............
क्या टूटा है अन्दर अन्दर...क्यों चेहरा कुम्हलाया है
अब 'शहजाद' ये झूट ना बोलो
अब 'शहजाद' ये झूट ना बोलो... वो इतना बेदर्द नहीं
अब 'शहजाद' ये झूट ना बोलो, वो इतना बेदर्द नहीं
अपनी चाहत को भी परखो..
अपनी चाहत को भी परखो, गर इम्जाम लगाया है
अपनी चाहत को भी परखो, गर इम्जाम लगाया है
क्या टूटा है अन्दर अन्दर...क्यों चेहरा कुम्हलाया है
तनहा तनहा रोने वालो ....
तनहा तनहा रोने वालो, कौन तुम्हे याद आया है...
क्या टूटा है अन्दर अन्दर...क्यों चेहरा कुम्हलाया है
तनहा तनहा रोने वालो, कौन तुम्हे याद आया है...
क्या टूटा है अन्दर अन्दर...क्यों चेहरा कुम्हलाया है
- शहजाद
क्या टूटा है अन्दर अन्दर...क्यों चेहरा को मिलाया है
ReplyDeleteभाई ये इस तरह नहीं है। सही इस तरह है....
क्या टूटा है अन्दर अन्दर...क्यों चेहरा कुम्हलाया है
धन्यवाद द्विवेदीजी ...
ReplyDeleteइस ग़ज़ल का सही शब्द बताने के लिए ..
असल मैं मराठी हूँ, हिंदी-उर्दू शब्दों का ज्ञान थोडा कम है..
..और मुझे जो ग़ज़ल पसंद आती है.. वो यहाँ पे मैं post करता हूँ..
अब ऐसा किया है
ReplyDeleteक्या टूटा है अन्दर अन्दर...क्यों चेहरा कुम्हलाया है
कुम्हलाया शब्द का अर्थ क्या होता है?
Anmol peshgi ke liye dhanyawad
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