इतनी मुद्दत बाद मिले हो
किन सोचोमें गुम रहते हो
तेज हवा ने मुझसे पूछा
रेत पे क्या लिखते रहते हो
किन सोचोमें गुम रहते हो
तेज हवा ने मुझसे पूछा
रेत पे क्या लिखते रहते हो

कौन सी बात है तुम में ऐसी
इतने अच्छे क्यूँ लगते हो
हमसे ना पूछो हिज्र के किस्से
अपनी कहो अब तुम कैसे हो
- मोहसीन नक़वी
इतने अच्छे क्यूँ लगते हो
हमसे ना पूछो हिज्र के किस्से
अपनी कहो अब तुम कैसे हो
- मोहसीन नक़वी
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