Thursday, January 6, 2011

फैसला तुमको भूल जाने का
एक नया ख्वाब है दीवाने का

दिल कली का लरज लरज उठा
जिक्र था फिर बहार आने का

हौसला कम किसी में होता है
जीत कर खुद ही हार जाने का

जिंदगी कट गई मनाते हुए
अब इरादा है रूठ जाने का

आप शहजाद की ना फिक्र करें
वो तो आदि है जख्म खाने का

- शहजाद

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