
कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होने तक
आशकी सब्र तलब और तमन्ना बेताब
दिलका क्या रंग करूँ खून-ए-जिगर होने तक
हमने माना के तगाफुल ना करोगे लेकिन
खाक हो जायेंगे हम तुमको खबर होने तक
फर्तब ए खुर से शबनम को फ़ना की तालीम
मैं भी हूँ एक इनायत की नजर होने तक
गम ए हस्ती का 'असद' किससे हो जुज्मर्ग इलाज
शम्मा हर रंग जलती है सहर होने तक
- असद ग़ालिब
http://www.youtube.com/watch?v=pOUktERIIZo
http://www.youtube.com/watch?v=wLhUuLmtl4A
wah wah
ReplyDeletedhanywad
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