Sunday, December 13, 2009

नासिर

दिल धड़कने का सबब याद आया
वो तेरी याद थी, अब याद आया

आज मुश्किल था संभलना ए दोस्त
तू मुसीबत में अजब याद आया

हाले-दिल हम भी सुनाते लेकिन
जब वो रुख्सत हुए, तब याद आया

 
दिन गुजारा था बड़ी मुश्किल से
फिर तेरा वादा-ए-शब याद आया

बैठ कर साया-ए-गुल में 'नासिर'
हम बहुत रोये, वो जब याद आया

- नासिर

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