Tuesday, December 29, 2009

हिजाब को..

हिजाब  को..
हिजाब  को  बेनकाब  होना  था.... 
हिजाब  को  बेनकाब  होना  था
हाँ  मुझी  को...
मुझी  को...
हाँ  मुझी  को  ख़राब  होना  था
हिजाब  को  बेनकाब  होना  था , हिजाब  को ...

खेली  बचपन  में  आँख  मचोली  बहोत  
खेली  बचपन  में  आँख  मचोली  बहोत....
खेली  बचपन  में  आँख  मचोली  बहोत
आया  शबाब...
आया  शबाब  तो  हिसाब  होना  था 
हिजाब  को  बेनकाब  होना  था , हिजाब  को ...

साथ  रहते  हैं  रात  दिन  की  तरह
साथ  रहते  हैं  रात  दिन  की  तरह
साथ  रहते  हैं  रात  दिन  की  तरह.....
तुम  हो  माहताब...
तुम  हो  माहताब  मुझे  आफताब  होना  था 
हिजाब  को  बेनकाब  होना  था , हिजाब  को ...

मेरी  आँखों  का  कुछ  क़ुसूर  नहीं
मेरी  आँखों  का  कुछ  क़ुसूर  नहीं
मेरी  आँखों  का  कुछ  क़ुसूर  नहीं
हुस्न  को...
हुस्न  को  लाज़वाब  होना  था 
हिजाब  को  बेनकाब  होना  था , हिजाब  को ...

था  मुक़द्दर  में  हमारा  मिलना 
था..था  मुक़द्दर  में  हमारा  मिलना...
था  मुक़द्दर  में  हमारा  मिलना..
वगरना  हममें...
वगरना  हममें  कहाँ  कामयाब  होना  था
हिजाब  को  बेनकाब  होना  था ,
हिजाब  को  बेनकाब  होना  था , हिजाब  को ...

हिजाब  को  बेनकाब  होना  था
हाँ  मुझी  को  ख़राब  होना  था
हिजाब  को  बेनकाब  होना  था , हिजाब  को ...

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