नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
नहीं विसाल मय असर तो आरजू ही सही..
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
नहीं विसाल मय असर तो आरजू ही सही..
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
न तन में खून फराहम न अश्क आँखों में
न तन में खून फराहम न अश्क आँखों में
नमाजे शौक को वाजीब है बेहुजुर सही...
नमाजे शौक को वाजीब है बेहुजुर सही...
नहीं विसाल मय असर तो आरजू ही सही
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
किसी तरह तो जमे बज्म मयकदे वालों
किसी तरह तो जमे बज्म मयकदे वालों
नहीं जो वादा ओ सागर तो हावू ही सही
नहीं जो वादा ओ सागर तो हावू ही सही
नहीं विसाल मय असर तो आरजू ही सही
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
नहीं विसाल मय असर तो आरजू ही सही
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
गर इन्तेजार कठिन है तो जब तलक ऐ दिल
गर इन्तेजार कठिन है तो जब तलक ऐ दिल
किसी के वादे ऐ फर्दा की गुफ्तगू ही सही
किसी के वादे ऐ फर्दा की गुफ्तगू ही सही......
नहीं विसाल मय असर तो आरजू ही सही
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
दयार गैर में महरम अगर नहीं कोई
दयार गैर में महरम अगर नहीं कोई
तो फैज़ जिक्र वतन अपने रूबरू ही सही
तो फैज़ जिक्र वतन अपने रूबरू ही सही ...
नहीं विसाल मय असर तो आरजू ही सही
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
- फैज़
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
नहीं विसाल मय असर तो आरजू ही सही..
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
नहीं विसाल मय असर तो आरजू ही सही..
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
न तन में खून फराहम न अश्क आँखों में
न तन में खून फराहम न अश्क आँखों में
नमाजे शौक को वाजीब है बेहुजुर सही...
नमाजे शौक को वाजीब है बेहुजुर सही...
नहीं विसाल मय असर तो आरजू ही सही
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
किसी तरह तो जमे बज्म मयकदे वालों
किसी तरह तो जमे बज्म मयकदे वालों
नहीं जो वादा ओ सागर तो हावू ही सही
नहीं जो वादा ओ सागर तो हावू ही सही
नहीं विसाल मय असर तो आरजू ही सही
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
नहीं विसाल मय असर तो आरजू ही सही
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
गर इन्तेजार कठिन है तो जब तलक ऐ दिल
गर इन्तेजार कठिन है तो जब तलक ऐ दिल
किसी के वादे ऐ फर्दा की गुफ्तगू ही सही
किसी के वादे ऐ फर्दा की गुफ्तगू ही सही......
नहीं विसाल मय असर तो आरजू ही सही
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
दयार गैर में महरम अगर नहीं कोई
दयार गैर में महरम अगर नहीं कोई
तो फैज़ जिक्र वतन अपने रूबरू ही सही
तो फैज़ जिक्र वतन अपने रूबरू ही सही ...
नहीं विसाल मय असर तो आरजू ही सही
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू सही....
- फैज़
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