गुल हुई जाती है अफसुर्दा सुलगती हुई शाम
गुल हुई जाती है अफसुर्दा सुलगती हुई शाम
धुल के निकलेगी अभी चश्म ए महताब से रात
गुल हुई जाती है अफसुर्दा सुलगती हुई शाम
गुल हुई जाती है ....
गुल हुई जाती है अफसुर्दा सुलगती हुई शाम
और मुश्ताक निगाहों की सुनी जाएगी
और मुश्ताक निगाहों की सुनी जाएगी
और उन हाथों से मस होंगे ये तरसे हुए हाथ
गुल हुई जाती है अफसुर्दा सुलगती हुई शाम
गुल हुई जाती है....
उनका आँचल है के रुखसार के पैराहन है
उनका आँचल है के रुखसार के पैराहन है
कुछ तो है जिस से हुई जाती है चिलमन रंगीन
जाने उस ज़ुल्फ़ की मौहूम घनी छावओं में
टिमटिमाता है वो आवेज़ा अभी तक के नहीं
गुल हुई जाती है अफसुर्दा सुलगती हुई शाम
गुल हुई जाती है....
आज फिर हुस्न ए दिलारा की वही धज होगी
आज फिर हुस्न ए दिलारा की वही धज होगी
वोही ख्वाबीदा सी आँखें वोही काजल की लकीर
रंग ए रुखसार पे हल्का सा वो गाजे का गुबार
संदली हाथ पे धुंधली सी हिना की तहरीर
अपने अफ़्कार की अशआर की दुनिया है यही
जाने मज़मून है यही शाहिदे माना है यही
अपना मौजू -ए -सुखन इनके सिवा और नहीं
तब्बा शायर का वतन इनके सिवा और नहीं
यह खूँ की महक है के लबे यार की खुशबू
यह खूँ की महक है....
यह खूँ की महक है के लबे यार की खुशबू
किस राह की - जानिब से सबा आती है देखो
गुलशन में बहार आई....
गुलशन में बहार आई के जिंदा हुआ आबाद
किस संद से नगमों की सदा आती है देखो
गुल हुई जाती है अफसुर्दा सुलगती हुई शाम
गुल हुई जाती है अफसुर्दा सुलगती हुई शाम
धुल के निकलेगी अभी चश्म ए महताब से रात
गुल हुई जाती है अफसुर्दा सुलगती हुई शाम
गुल हुई जाती है.....
यूँ... जिंदगी की राहों में टकरा गया कोई
यूँ जिंदगी की राहों में टकरा गया कोई
यूँ जिंदगी की राहों में....
इक रोशनी अंधेरों में बिखरा गया कोई
यूँ जिंदगी की राहों में टकरा गया कोई
यूँ जिंदगी की राहों में....
वो हादसा वो पहली मुलाक़ात क्या कहूँ, कितनी अजब थी सूरते हालात क्या कहूँ
वो कहर वो गज़ब वो जफा मुझको याद है,
वो उसकी बेरुखी की अदा मुझको याद है,
मिटता नहीं है जहेन से यूँ छा गया कोई..
यूँ जिंदगी की राहों में टकरा गया कोई..
यूँ जिंदगी की राहों में....
पहले वो मुझको देखकर बरहम सी हो गई,
पहले..वो मुझको देखकर बरहम सी हो गई, फिर अपने ही नसीब खयालों में खो गई
बेचारगी पे मेरे उसे रहम आ गया,
शायद मेरे तड़पने का अंदाज भा गया,
सांसों से भी करीब मेरे आ गया कोई...
यूँ जिंदगी की राहों में टकरा गया कोई..
यूँ जिंदगी की राहों में....
अब उस गिले तबाह की हालत ना पूछिये,
अब उस गिले तबाह की हालत ना पूछिये, बेनाम आरजू की लजत ना पूछिये
इक अजनबी था रूह का अरमान बन गया,
इक हादसा था प्यार का उनवान बन गया,
मंजिल का रास्ता मुझे दिखला गया कोई...
यूँ जिंदगी की राहों में टकरा गया कोई..
यूँ जिंदगी की राहों में....
इक रोशनी अंधेरों में बिखरा गया कोई
यूँ जिंदगी की राहों में टकरा गया कोई
कालें कालें बादल छायें... देखि देखि जी ललचाये ....
कालें कालें बादल छायें.... देखि देखि जी ललचाये .... कैसे आऊ पास तिहारे ... दुरी गए मोरे साजन
कैसे आऊ पास तिहारे ... दुरी गए मोरे साजन.....
......दुरी गए मोरे साजन...
भीगा भीगा मौसम आया .... पिया का संदेसा लाया...
भीगा भीगा मौसम आया .... पिया का संदेसा लाया...मनिवा को चैन न आवैं ... तरसें है मोरे नैना
मनिवा को चैन न आवैं ... तरसें है मोरे नैना
... तरसें है मोरे नैना .........