Monday, January 4, 2010

कैसर

मेरी  आँखों  को  आँखों  का  किनारा  कौन  दे  गा
समंदर  को  समंदर  में  सहारा  कौन  दे  गा

मेरे  चेहरे  को  चेहरा  कब  इनायत  कर  रहे  हो
तुम्हें  मेरे  सिवा  चेहरा  तुम्हारा  कौन  दे  गा

मुहब्बत  नीला  मौसम  बन  के  आ  जाएगी  इक  दिन
गुलाबी  तितलियों  को  फिर  सहारा  कौन  दे  गा

 
मेरी  आवाज़  में  आवाज़  किस  क़ी  बोलती  है
मेरे  गीतों  को  गीतों  का  किनारा  कौन  दे  गा 




बदन  में  एक  सहरा  जल  रहा  है  बुझ  रहा  है
मेरे  दरयाओं  को  'कैसर'  इशारा  कौन  दे  गा


 - कैसर

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