मेरे दिल में तेरी यादों के साए
हवा जैसे खंडहर में सरसराए
हम ही ने सब के गम को अपना जाना
हम ही ने सब के हाथों जख्म पाए
दिल-ए-बेताब की उस्तअद तो देखो
ज़माने भर के इसमें गम समाए
किसीने प्यार से जब भी पुकारा
तो पलकों पर सितारे झिलमिलाए
शब्-ए-फ़ुर्कत हविक आहट पे मुझको
यही धोखा हुआ शायद वो आए
ख़ुशी दी है ज़माने भर को इमदाद
अगरचे उम्रभर आँसू बहाए
http://www.youtube.com/watch?v=TcDqUQzp0xs&feature
Saturday, July 17, 2010
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