तुझ लब की सिफत, लाल-ऐ-बदक्शासु कहूँगा..
जादू है तेरे नैन, जादू है तेरे नैन गज़लासु कहूँगा..
जलता हूँ शब-ओ-रोज तेरे गम में ऐ साजन..
ऐ सोज तेरा निसाल-ऐ- सोजासु कहूँगा ..
देखा हूँ तुझे ख्वाब में ऐ माया-ऐ-ख़ुबी
इस ख्वाब को जा उसफ-ऐ-तहनासु कहूँगा..
मुझ पर ना करो जुल्म तुम ऐ लैल-ऐ-खूबा
मजनू हूँ तेरे गम को बयाबासु कहूँगा..
एकनुक्ता तेरे सफा-ऐ-रुख पर नहीं बेजां
इस मुख को सफा-ऐ-ख़ुरासु कहूँगा..
http://www.youtube.com/watch?v=OrrjQi0uS0o
Sunday, August 22, 2010
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