सावन बीतो जाये पिहरवा ...
सावन बीतो जाये पिहरवा ...
मन मेरा घबराए..
ऐसो गए परदेस पिया तुम..
ऐसो गए परदेस पिया तुम.. चैन हमें नहीं आये..
मोरा सैयां मोसे बोले ना..
मोरा सैयां मोसे बोले ना..मैं लाख जतन कर हारी
मैं लाख जतन कर हार रहीं
मोरा सैयां मोसे बोले ना..मोरा सैयां मोसे बोले ना..
तू जो नहीं तो ऐसे पिया हम..
तू जो नहीं तो ऐसे पिया हम...जैसे सुना आंगना
जैसे सुना आंगना.. नैन तिहारी राह निहारें..
नैन तिहारी राह निहारें.. नैन को तरसयों ना
मोरा सैयां मोसे बोले ना..
मोरा सैयां मोसे बोले ना..मैं लाख जतन कर हारी
मैं लाख जतन कर हार रहीं
मोरा सैयां मोसे बोले ना..मोरा सैयां मोसे बोले ना..
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पौष के आस - पास
ReplyDeleteसावन की फुहार ... आनंदित कर गयी ...
देशज शब्दावली प्रभावित करती है
अभिवादन .
dhanywad daanish
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