गुल खिले चाँद रात याद आई आपकी बात बात याद आई एक कहानी की हो गयी तकमील एक सावन की रात याद आई अश्क आँखों में फिर उमड़ आये कोई माज़ी की बात याद आई उनकी महफ़िल से लौट कर 'शहजाद' रौनक -ए -कायनात याद आई
ये लिखा है शहजाद जालंधरी ने दिवा एल्बम में न की फरहत शहजाद ने !!
धन्यवाद जानकारी के लिए
ये लिखा है शहजाद जालंधरी ने दिवा एल्बम में
ReplyDeleteन की फरहत शहजाद ने !!
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