Wednesday, November 25, 2009

खुसरौ


जिहाल  -ए  मिस्कीं  मकुन  तगफुल,
दुराये नैना बनाये बतियाँ
की  ताब  -ए  हिज्राँ  नदारम  ए  जाँ ,
न ले हो काहे लगाये छतियाँ

चो  शमा  सोज़ान  चो  ज़र्रा  हैरान,
हमेशा  गिरियाँ  बे  इश्क  आन  मह
न नींद नैना न अंग चैना
न आप ही आवें न भेजें पतियाँ

 
यकायक  अज  दिल  बसद  फरेबम 
 बबुर्द  चशमश  -ए  करार्र  तस्कीं 


किसे पड़ी है जो जा सुनावे
पियारे पी को हमारी बतियाँ

शबान  -ए  हिज्राँ  दराज़  चुन  ज़ुल्फ़
व  रोज़  -ए  वसलत  चो  उम्र  कोताह
सखी पिया को जो मैं न देखूं
तो कैसे काटूँ अँधेरी रतियाँ

बहक्क  -ए   रोज़  -ए  विसाल  -ए  दिलबर
की  दाद  मरा  ग़रीब  खुसरौ
सपत मन के वराए राखूँ
जो जाए पाऊँ पिया के खतियाँ 


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