जब फागुन रंग झमकते हो
तब देख बहारें होली की.. तब देख बहारें होली की...
जब फागुन रंग झमकते....
परियों के रंग दमकते हो
खुम शीशे जाम छलकते हो
मेहबूब नशे में छकते हो
जब फागुन रंग झमकते हो.. जब फागुन रंग झमकते हो...
तब देख बहारें होली की.. तब देख बहारें होली की...
जब फागुन रंग झमकते....
परियों के रंग दमकते हो
खुम शीशे जाम छलकते हो
मेहबूब नशे में छकते हो
जब फागुन रंग झमकते हो.. जब फागुन रंग झमकते हो...
नाच रंगीली परियोंका
कुछ भीगी तानें होली की
कुछ तबले खड़के रंग भरें
कुछ घूंगरुं ताल छनकते हो
कुछ भीगी तानें होली की
कुछ तबले खड़के रंग भरें
कुछ घूंगरुं ताल छनकते हो
जब फागुन रंग झमकते हो.. जब फागुन रंग झमकते हो...
मुलाल गुलाबी आँखें हो
और हाथों में पिचकारी हो.....
उस रंग भरी पिचकारी को
अंगिया पर तककर मारीं हो
सीनों से रंग ढलकते हो
और हाथों में पिचकारी हो.....
उस रंग भरी पिचकारी को
अंगिया पर तककर मारीं हो
सीनों से रंग ढलकते हो
तब देख बहारें होली की..
जब फागुन रंग झमकते हो.. जब फागुन रंग झमकते हो...
जब फागुन रंग झमकते हो.. जब फागुन रंग झमकते हो...
-नजीर अकबराबादी
बेहतरीन। बधाई।
ReplyDeleteधन्यवाद मनोज कुमारजी
ReplyDeleteना डारो रंग मोपे ..
ReplyDeleteक्या बात है. बढीया.
HAREKRISHNAJI
ReplyDeleteआपको भी मनपूर्वक धन्यवाद..