Sunday, December 20, 2009

यह कौन आता है तनहाईओ में..

यह कौन आता है तनहाईओ में जाम लिए
दिलोंमे चांदनी रातोंका एहतमाम लिए

चटक रही है किसी याद की कली दिलमें
नजर में रख्श-बहारांओ की सुबह-ओ-शाम लिए

महक महक के जगाती रही नसीमे सहर
लबोंपे यार मसीहा नफ़ज़ का नाम लिए
 
किसी ख्याल की खुशबू किसी बदन की महक
दरे कफस के खड़ी है सबा पयाम लिए

बजा रहा था कहीं दूर कोई शहनाई
उठा हूँ आंखोंमे एक ख्वाब नातमाम लिए

- मखदूम मोहिउद्दीन


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