Saturday, December 5, 2009

होरी होये रही है


होरी होये रही है
अहमद जीयो के द्वार 
हज़रत अली का रंग बना है
हसन हुसैन खिलार
ऐय्सो होरी की धूम मची है 
चहुँ और पड़ी है पुकार
ऐय्सो अनोखो चतुर
खिलाडी
रंग दिनयों संसार
निअज़ प्यारा भर भर  छिडके
एक ही रंग सस पिचकार

जी चाहे  तो  शीशा  बन  जा , जी  चाहे  पैमाना  बन  जा
शीशा  पैमाना  क्या  बनना , मय  बन  जा  मयखाना  बन  जा ..

मय  बन  कर , मयखाना  बन  कर  मस्ती  का  अफसाना  बन  जा
मस्ती  का  अफसाना  बनकर  हस्ती  से  बेगाना  बन  जा

हस्ती  से बेगाना  होना  मस्ती  का  अफसाना  बनना
इस  होने  से  इस  बनने  से  अच्छा  है  दीवाना  बन  जा

दीवाना बन  जाने  से  दीवाना  होना  अच्छा  है
दीवाना  होने  से  अच्छा  खाक -ऐ -दर -ऐ -जानाना  बन  जा

खाक -ऐ  -दर -ऐ  -जानाना  क्या  है  अहले  दिल  की  आँखों   का  सुरमा
शमा  के  दिल  की  ठंडक  बन  जा  नूर -ऐ -दिल -ऐ -परवाना  बन  जा

सीख  ज़हीन  के  दिल  से  जलना  काहे  को  हर  शम्मा  पर  जलना
अपनी  आग  में   खुद  जल  जाये  तू  ऐसा  परवाना  बन  जा

- हज़रत  शाह  नियाज़  
http://www.radioreloaded.com/tracks/?22554

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