होरी होये रही है
अहमद जीयो के द्वार
हज़रत अली का रंग बना है
हसन हुसैन खिलार
ऐय्सो होरी की धूम मची है
चहुँ और पड़ी है पुकार
ऐय्सो अनोखो चतुर खिलाडी
रंग दिनयों संसार
निअज़ प्यारा भर भर छिडके
एक ही रंग सहस पिचकार
जी चाहे तो शीशा बन जा , जी चाहे पैमाना बन जा
शीशा पैमाना क्या बनना , मय बन जा मयखाना बन जा ..
मय बन कर , मयखाना बन कर मस्ती का अफसाना बन जा
मस्ती का अफसाना बनकर हस्ती से बेगाना बन जा
हस्ती से बेगाना होना मस्ती का अफसाना बनना
इस होने से इस बनने से अच्छा है दीवाना बन जा
दीवाना बन जाने से दीवाना होना अच्छा है
दीवाना होने से अच्छा खाक -ऐ -दर -ऐ -जानाना बन जा
खाक -ऐ -दर -ऐ -जानाना क्या है अहले दिल की आँखों का सुरमा
शमा के दिल की ठंडक बन जा नूर -ऐ -दिल -ऐ -परवाना बन जा
सीख ज़हीन के दिल से जलना काहे को हर शम्मा पर जलना
अपनी आग में खुद जल जाये तू ऐसा परवाना बन जा
- हज़रत शाह नियाज़
http://www.radioreloaded.com/tracks/?22554
वा
ReplyDeletethanks for liking
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